Friday, May 1, 2009

अभिसार के खेतों मैं प्यार के नगमे बोति हू
सेहरा सेहरा हस्ती हू जंगल जंगल रोती हू
बलखाती नदी के तेवर मस्ती का बोसा माँगे
आँखों मैं चहेकने दरिया हस्ती का बोसा माँगे

डूबने को समंदर मैं आपे से बहेर होती हू
सेहरा सेहरा हस्ती हू जंगल जंगल रोती हू
भौरों की वहशी साँसें नागफनी ने झेली
सेहरा सेहरा हस्ती हू जंगल जंगल झेली

बिन बियाही तितलियों मैं चाहत के रंग धोती हू
सेहरा सेहरा हस्ती हू जंगल जंगल झेली

दामन मैं महबूबा के चाँद का जोबन निखारा
रात को बनके दुल्हन तारों ने जलवा बिखरा
आसमाओं की पनाहो मैं तन्हा जवानी खोती हू
सेहरा सेहरा हस्ती हू जंगल जंगल झेली
================================================
Abhisar ke kheton main pyar ke nagme boti hu
Sehra sehra hasti hu jungle jungle rothi hu
Balkhati nadi ke tevar masti ka bosa mange
Aankhon main chehekne dariya hasti ka bosa mange

Doobne ko samandar main aape se baher hothi hu
Sehra sehra hasthi hu jungle jungle rothi hu
Bhouron ki vehshi saansein nagfani ne jheli
Sehra sehra hasthi hu jungle jungle jheli

Bin biyahi titliyon main chahat ke rang dhothi hu
Sehra sehra hasthi hu jungle jungle jheli

Daman main mehbooba ke chand ka joban nikhara
Raat ko banake dulhan taaron ne jalwa bikhra
Aasmaon ki panaho main tanha jawani khothi hu
Sehra sehra hasthi hu jungle jungle jheli

2 comments:

  1. ज़गह नहीं बदली कभी उनके इन्तज़ार की,
    उस जगह पर अब शख्स नये आते रहे,

    उस नज़र में कभी एक झलक थी हमारी,
    यही सोच कर हमेशा हम दिल बहलाते रहे,

    जिनके दिल में जगह ना थी हमारे लिये,
    हम उनकी यादों को दिल से लगाते रहे,

    उन्हें भूल पाने की एक नाकाम कोशिश में,
    हम उन्हें याद करके उनकी यादें भुलाते रहे...

    ReplyDelete
  2. nice poem
    please popst all hindi poems in Hindi (Devnagri) fonts

    ReplyDelete